क्या भारत हमारे घर में घुसकर टिक सकता है: चीन
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गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कहा था कि भारत और चीन के बीच डोकलाम मामला जल्द सुलझा लिया जाएगा. इससे जुड़े सवाल के जवाब में मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ छुनइंग ने कहा है कि उनके देश का शांति में विश्वास है.
डोकलाम मामले पर भारत से रूस की कथित चर्चा पर हुआ ने कहा कि डोकलाम मामला गंभीर है और इससे जुड़े तथ्य सभी देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत के तर्कों को अगर देखा जाए तो क्या वह पड़ोसी के घर में घुस सकता है और टिक सकता है?
उन्होंने कहा कि, “अगर हम भारत के तर्क को मानते हैं तो इसका मतलब है कि चीन का विश्वास सीमा पर बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा खड़ा करने पर है. इस प्रकार से हमारे लिए भी यह न्यायसंगत हो सकता है कि हम भी अपने सैनिक भारत में भेजकर उसे रोकें? अगर ऐसा होता है तो पूरी दुनिया में अराजकता होगी और अंतरराष्ट्रीय संबंध बेकार हो जाएंगे.”
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हुआ ने कहा कि उनका देश राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा करने के लिए दृढ़ है और वह किसी भी देश को भी किसी भी बहाने के तहत अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता को ख़तरे में डालने की अनुमति नहीं देगा.
उन्होंने कहा कि, “हम कई बार कह चुके हैं कि भारतीय सैनिकों द्वारा अवैध तौर पर डोकलाम में सीमा रेखा पार करने का मामला तभी सुलझेगा जब बिना शर्त भारतीय सैनिक अपने साज़ो-सामान के साथ वापस भारतीय सीमा में जाएंगे.”
हुआ ने कहा कि उन्होंने राजनाथ सिंह का वह बयान देखा है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने किसी देश पर हमला नहीं किया है और उसकी अपनी सीमा विस्तार करने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है.
‘130 सालों से सीमा का पालन’
उन्होंने आगे कहा कि इस सीमा को लेकर दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति रही है जिसका वह 130 सालों से पालन कर रहे हैं जबकि भारत के सैनिक चीनी सीमा में हैं और वह इस कार्रवाई को सही ठहराने के लिए बहाने बना रहे हैं.
भारत को अपने शब्दों पर क़ायम रहने की उम्मीद जताते हुए हुआ ने कहा कि, “भारत अपनी पिछली गलतियों को ठीक करने के लिए सकारात्मक कदम उठाएगा.”
चीन को अत्यंत संयमित बताते हुए हुआ ने कहा कि उनका देश धैर्य और सहिष्णुता दिखा सकता है लेकिन भारत जैसे बड़े देश से भी वह यही आशा करता है.
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