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पटना: यूएस के टेक्सस में पिछले शनिवार 7 अक्टूबर को गायब हुई तीन साल की शीरीन मैथ्यू की पहचान बिहार की सरस्वती के रूप में हुई है। शीरीन को उसके पिता ने दूध न खत्म करने पर सजा के रूप में घर से बाहर खड़ा कर दिया था। इसी दौरान वह गायब हो गई। खबर के मुताबिक बिहार के नालंदा स्थित मदर टेरेसा अनंत सेवा संस्थान एनजीओ से उसे पिछले साल ही 23 जून एक अमेरिकन दंपती ने गोद लिया था।
यूएस स्थित एक न्यूज पोर्टल के अनुसार, अमेरिकन सुरक्षा एजेंसी एफबीआई अभी शीरीन को पता लगा रही है जिसे उसके पिता वेस्ले मैथ्यू ने सजा देते हुए देर रात घर से बाहर कर दिया था। शनिवार रात वेस्ले को रिचर्डसन पुलिस ने बच्चे को अकेले छोड़ने और खतरे में डालने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि रविवार रात उन्हें 250,000 डॉलर (करीब 1,61,66,500 रुपये) बॉन्ड के आधार पर उनकी जमानत हो गई।
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बिहार की बच्चा गोद देने वाली एजेंसी सारा के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि बच्ची को वेस्ले और उनकी पत्नी सिनी द्वारा अडॉप्ट किया गया। एनजीओ की सेक्रटरी बबिता कुमारी ने बताया कि बच्ची का नाम गोद लेने से पहले सरस्वती रखा गया था। हर बच्चे की तरह वह भी स्वभाव से थोड़ी जिद्दी थी। वह यहां की महिला केयरटेकर की लाडली थी और उन्हें नानी कहकर बुलाती थी। वह उनके लिए घंटों सीढ़ियों पर बैठकर इंतजार करती थी।
बबिता ने बताया कि बच्ची की एक आंख में कुछ समस्या भी थी। वह उस समय केवल डेढ़ साल की थी जब उसके असली माता-पिता द्वारा छोड़ने पर जिले के बाल कल्याण समिति लाया गया था। वहां से 14 फरवरी 2015 को उसे एनजीओ को सौंप दिया गया था।
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