कागजी खानापूर्ति को छोड़ अविलंब शुरू करें इलाज
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डीएमसीएच के शिशु रोग विभाग में सोमवार को दरभंगा के अलावा समस्तीपुर, बेगूसराय व सहरसा के डॉक्टर व ए ग्रेड नर्सों के लिए स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट(एसएनसीयू) की ऑबजवरशिप ट्रेनिंग शुरू की। मास्टर ट्रेनर के रूप में विभागाध्यक्ष डॉ. के एन मिश्रा, डॉ. अशोक कुमार व डॉ. रिजवान हैदर ने उनलोगों को एसएनसीयू में आने वाले गंभीर रूप से बीमार बच्चों के त्वरित इलाज के गुर सिखाए।
नोडल अधिकारी डॉ. ओ प्रकाश ने भी बाहर से आए डॉक्टरों व नर्सों को भी नवजात का बेहतर इलाज करने के सिलसिले में कई टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि नवजात शिशु मृत्यु दर घटाने के लिए सरकार ने सभी 38 जिलों में एसएनसीयू खोल दिए हैं। बेहतर ट्रेनिंग प्राप्त कर सैकड़ों बच्चों की जान बचाई जा सकती है।
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मास्टर ट्रेनरों ने कहा कि इलाज से पूर्व डॉक्टरों व नर्सों को अपना-अपना हाथ साफ करना है। एसएनसीयू में गाउन पहनकर ही बच्चों का इलाज करना है। इससे उनलोगों को इंफेक्शन होने का खतरा नहीं रहेगा। गंभीर रूप से बीमार बच्चों के आने पर उनका त्वरित इलाज शुरू करना है। कागजी प्रक्रिया का इंतजार करने से उनकी जान पर खतरा उत्पन्न हो सकता है। नवजात की सांस धीमी चल रही हो तो उसके उपचार का तरीका उनलोगों को बताया गया। नवजात शिशुओं को गर्म रखने का तरीका बताने के अलावा उनलोगों को कंगारू ट्रीटमेंट के भी गुर सिखाए गए।
डॉ. ओम प्रकाश ने बताया कि 14 दिनों तक डॉक्टर व नर्सों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनलोगों की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद नए बैच को प्रशिक्षित किया जाएगा।
डॉक्टर व नर्सों को ट्रेनिंग देते नोडल अधिकारी डॉ. ओम प्रकाश।
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