टीईटी रिजल्ट में रिजर्वेशन पॉलिसी पर अभ्यर्थियों ने उठाये सवाल
पटना | बिहार बोर्ड की ओर से गुरुवार को घोषित टीईटी के रिजल्ट पर अभ्यर्थियों ने सवाल उठाए हैं. खासकर ऐसे छात्र जिन्हें इनवैलिड डयू टू व्हाइटनर लिखकर रिजल्ट प्रकाशित किया गया है.
ज्योति कुमारी का कहना है कि एग्जाम में मैंने किसी प्रकार के व्हाइटनर का इस्तेमाल नहीं किया लेकिन फिर ये रिजल्ट में कैसे शो कर रहा है.
टेट अभ्यर्थी बिहार बोर्ड की रिजर्वेशन पॉलिसी पर भी सवाल उठा रहे हैं. रश्मि कमल का कहना है कि बीपीएससी एग्जाम में समान्य, पिछड़ा, अतिपिछड़ा, एससी और एसटी की महिलाओं के लिए अलग अलग कट ऑफ होते हैं तो फिर TET परीक्षा में सभी श्रेणियों की महिलाओं को सिर्फ एक कैटेगरी में क्यों रखा गया है. साथ ही पिछड़ा और अति पिछड़ा का भी ध्यान नहीं रखा गया है.
रश्मि के अनुसार महिलाओं को आरक्षण देना सही है लेकिन सामान्य, पिछड़ा और अति पिछड़ी जातियों की महिलाओं का कटऑफ एक ही रखना ठीक नहीं है.
आपको बता दें कि बिहार प्रारंभिक शिक्षक (प्रशिक्षित) पात्रता परीक्षा यानी टीईटी 2017 का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. टीईटी की परीक्षा में महज 17 फीसदी परीक्षार्थी ही सफल हो पाये हैं.
6 से 8 वर्ग के शिक्षकों के लिये ली गई परीक्षा 17.84 प्रतिशत परीक्षार्थी पास कर पाये हैं जबकि 1 से 5 तक के शिक्षकों के लिये ली गई परीक्षा में भी कम हीपरीक्षार्थी पास हुए. पास होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 49 हजार में से महज 7 हजार है. 6-8 के लिये पास होने वाले अभ्यर्थियों का प्रतिशत मात्र 16.07 है. इस परीक्षा में कुल 11 हजार 351 अभ्यर्थियो को इनवैलिड किया गया है.
वर्ग 6 से 8 तक की परीक्षा में 1 लाख 19 हजार 164 परीक्षार्थी थे इसमें से कुल उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या 30 हजार 113 है. परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिये सामान्य का कट अफ 60 फीसदी जबकि एससी-एसटी का कट ऑफ 50 फीसदी था. बीसी 1 और बीसी 2 के लिए 55 काट ऑफ था. बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि रिजल्ट में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती गई है और गलत प्रश्नों को हटा कर ही रिजल्ट जारी किये गये हैं.