चेहरे पर कालिख और चूना पोतकर दोषियों को मिली सजा
चेहरे पर कालिख और चूना पोतकर दोषियों को मिली सजा
समस्तीपुर । घूमंतू खानाबदोश कुररियाड़ महासंघ द्वारा Shambhupatti Middle School के समीप गोवर्धन अदालत का आयोजन किया गया। इसमें कुरेड़ी समाज के लोगों के विभिन्न मामलों की सुनवाई करते हुए दोषियों को सजा दी गई। इससे पूर्व विधि विधान से कुलदेवता का पूजन कर अदालत के बीच न्याय के प्रतीक खंभा को गड्ढा खोदकर जमीन के उपर खड़ा किया गया। जिसके बाद अदालत में गोलाकार बनाकर लोग चारों ओर लोग बैठ गए। इसमें गोवर्धन अदालत के 32 तथा कासमा और मिरदाहा के आठ-आठ जज सिर पर सफेद पगड़ी लगाकर मामले की सुनवाई कर रहे थे। कुरेड़ी समाज के परंपरागत रीति रिवाज और कानून के आधार पर मामले की सुनवाई करते हुए दोषियों को सजा दी गई। इसमें कुरेड़ी समाज के लोग भी प्रत्यक्ष रुप से शामिल रहे। बताया है कि गोवर्धन अदालत में जज का फैसला सर्वमान्य है। इसके बाद कोई दूसरी अदालत में मामले की अपील नहीं की जाती है। खास बात है कि किसी महिला द्वारा पति को छोड़कर किसी दूसरे पुरुष से अनैतिक संबंध बनाने पर उसके पति या अभिभावक को भी सजा दी जाती है। जघन्य अपराध करने वालों को समाज से वंचित कर दिया जाता है। गोवर्धन अदालत में राज्य के विभिन्न जिलों से लगभग 25 हजार लोग शामिल हुए है। मौके पर काफी संख्या में स्थानीय लोग भी मौजूद रहे।
न्याय के प्रतीक खंभे से बांधकर दोषियों के चेहरे पर लगाया कालिख और चूना
गोवर्धन अदालत में शनिवार को जज ने हत्या के प्रयास और दुष्कर्म समेत विभिन्न मामलों की सुनवाई करते हुए सात दोषियों को शारीरिक और आर्थिक दंड के रुप में सजा दी। अदालत के बीच न्याय के खंभे से बांधकर दोषियों के चेहरे पर कालिख और चूना लगाया। दोषियों को अर्थदंड की सजा दी गई। इसमें Sarairanjan प्रखंड के रामचंद्रपुर निवासी मिथुन कुरेरी को भाई का हत्या के प्रयास में 51 हजार रुपये आर्थिक दंड की सजा तथा अदालत में खंभा से बांधकर चेहरे पर कालिख और चूना लगाया। वहीं Dalsingh Sarai की एक व्यक्ति के पत्नी को दूसरे से अनैतिक संबंध बनाने के कारण खंभा से बांधकर चेहरे पर कालिख और चूना लगाया, सिर से बाल काट लिए और ढाई लाख अर्थदंड की सजा सुनाई। Darbhanga जिला के सोनखी निवासी को एक दूसरे से अनैतिक संबंध बनाने तथा सोशल मीडिया पर वायरल करने के कारण दोनों के चेहरे पर कालिख लगाकर सिर का बाल काट लिया गया। चार लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। Hasanpur Dudhpura निवासी तथा उसकी माता को वेश्यावृति में संलिप्त रहने के कारण चेहरे पर कालिख और चूना लगाकर सिर के बाल काट लिए गए। साथ ही 1 लाख 51 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई।
मुगलकाल से चली आ रही पंरपरा
मुगलकाल से ही करोड़ी समाज की न्यायिक व्यवस्था और कार्यप्रणाली सरकार की विधि व्यवस्था और कानून से अलग है। कुरेड़ी समाज के लोगों का कहना है कि वे अपनी समस्याओं और विभिन्न मामलों को लेकर पुलिस या कोर्ट कचहरी का चक्कर नहीं लगाते। यहां समाजिक स्तर पर पारंपरिक न्याय व्यवस्था और कानून के आधार पर मामले की सुनवाई होती है। गोवर्धन अदालत कुरेड़ी समाज का सर्वोच्च न्यायालय है। इसके बाद किसी दूसरे न्यायालय में मामले की अपील नहीं होती। जज का फैसला सर्वमान्य है। इसे लोग स्वीकार करते हैं। महासंघ के अध्यक्ष कमल कुरेड़ी ने कहा कि हमलोग भारतीय संविधान और मानवाधिकार का सम्मान करते हैं। कुरेरी समाज द्वारा यह परंपरा मुगलकाल से ही चली आ रही है। कुरेड़ी समाज के लोग अपनी अदालत में समाजिक स्तर पर ही मामले की सुनवाई कर दोषियों को सजा दिलाते हैं।