बिहार में बन रहा है 300 करोड़ रुपए की लागत से 190 एकड़ में भगवान श्रीराम का विराट रामायण मंदिर

बिहार : अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर और मस्जिद बनाने को लेकर कई दिनों से बहस चल रही है. अयोध्या में अभी तक राम मंदिर नहीं बन पाया है लेकिन हिंदू और मुस्लिमों के लिए मोतिहारी में बन रहा विराट रामायण मंदिर एक मिसाल बन सकता है.
मंदिर का निर्माण मोतिहारी के कल्याणपुर ब्लॉक के कैथवलिया गांव में मुस्लिमों के सहयोग से हो रहा है. इस मंदिर के निर्माण के लिए मुस्लिमों ने न सिर्फ जमीन दान में दी है बल्कि मंदिर के निर्माण में वो काफी बढ़ चढ़ कर हिस्सा भी ले रहे हैं.
इस मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने में लगभग 5 साल का समय लगेगा और इसको बनाने में लगभग 3 अरब रुपए खर्च होंगे. रामायण मंदिर का रकवा करीब 190 एकड़ में है. इसमें डेढ़ एकड़ भूमि मुस्लिमों ने दान दी है. ये भू-दान केसरिया थाना के गोइछी कुंडवा गांव के अहमद खां व उनके परिजनों ने किया है. मंदिर के लिए करीब 190 एकड़ भूखंड की जरूरत है. मंदिर का निर्माण महावीर स्थान न्यास समिति पटना द्वारा कराया जा रहा है. पहले मंदिर विश्व प्रसिद्ध कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर की शैली में बनना था. लेकिन, वहां की सरकार के विरोध के बाद इसके नक्शा में परिवर्तन कर दिया गया. अब कोई अड़चन नहीं है.


मंदिर निर्माण समिति के सदस्य मधुरेश प्रियदर्शी ने बताया कि मंदिर का निर्माण करीब 110 एकड़ में होगा. इस मंदिर के लिए अब तक 85 एकड़ भूमि का निबंधन कराया जा चुका है. भूमि के लिए लैंड बैंक बनाया गया है. कुछ लोग भूमि दान दिए हैं. जबकि कुछ लोगों ने भूमि का बदलैन (अदला-बदली) किए हैं.
बदलैन की भूमि का निबंधन जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. मधुरेश ने ये भी बताया कि मंदिर के निर्माण का काम करीब तीन वर्ष पूर्व शुरू किया गया था. लेकिन कुछ समस्याओं की वजह से मंदिर के निमार्ण कार्य रुक गया.
रिपोर्ट्स का मानना है कि कंबोडिया के राजदूत ने निर्माण स्थल का निरीक्षण कर नक्शे को देखा था. उन्होंने अंकोरवाट मंदिर को वहां के लोगों की आस्था का प्रतीक बताकर उसी तर्ज पर मंदिर बनाने पर रोक लगाने की रिपोर्ट अपनी सरकार को दी थी. इसके बाद मंदिर के नक़्शे में कुछ परिवर्तन कर दिया गया और अब जल्दी ही मंदिर का कार्य शुरू होने वाला है. मंदिर के अध्यक्ष ललन सिंह ने बताया कि जल्द ही समिति की बैठक होगी. मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का काम पूर्ण कर लिया गया है.
मंदिर की लंबाई 2800 फीट, जबकि चौड़ाई 1500 फीट होगी. मुख्य मंदिर 1240 फीट लंबा व 1150 फीट चौड़ा व 405 (गुंबद की ऊंचाई सहित) फीट ऊंचा होगा. मंदिर में 18 देवता घर व 18 शिखर होंगे. मुख्य मंदिर भगवान श्रीराम का होगा. इसमें मां सीता, लव-कुश व वाल्मीकि सहित अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित होगी.
