गणतंत्र दिवस परेड 2018: फिर नया इतिहास बनेगा और दुनिया देखेगी
भारत इस बार अपना 69th Republic Day मनाने जा रहा है और इसकी पूरी तैयारियां भी कर लीं गई हैं. इस बार Republic Day की परेड में हिस्सा लेने के लिए पहली बार एक साथ 10 देशों के प्रतिनिधि आने वाले हैं. इन 10 देशों में Brunei, Cambodia, Indonesia, Laos, Malaysia, Myanmar, Philippines, Singapore, Thailand और Vietnam शामिल हैं.
Defense Minister Nirmala Sitharaman ने बताया कि India इस Republic Day पर इन 10 मेहमानों के जरिये अपनी ‘लुक ईस्ट’ नीति को दुनिया के सामने रखना चाहता है. अब तक Republic Day पर किसी एक देश के राष्ट्राध्यक्ष या प्रतिनिधि को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया जाता था और सिर्फ तीन मौकों पर दो-दो देशों के राष्ट्राध्यक्षों या प्रतिनिधियों को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया है.
परेड में क्या-क्या होगा स्पेशल
इस परेड का मुख्य आकर्षण निर्भय मिसाइल, ब्रह्मोस और आकाश मिसाइल की तिकड़ी होगी. इसके आलावा सेना के टी-90 टैंक, बीएमपी और स्वाति रडार का भी प्रदर्शन होगा. परेड में भीष्म टी-90 मेन बैटल टैंक भी दिखाए जाएंगे. पहली बार देसी रुद्र हेलीकॉप्टर भी परेड में दिखाई देंगे. ऑल इंडिया रेडिया (AIR) ‘मन की बात’ थीम पर आधारित एक झांकी पेश करेगा.
परेड के सेकेंड इन कमांड मेजर जनरल राजपाल पुनिया के मुताबिक पहली बार स्वदेशी ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का भी प्रदर्शन किया जाएगा. ये मिसाइल 400 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है. इसके अलावा देश में ही विकसित जमीन से आसमान में किसी लडाकू विमान को मार गिराने वाली आकाश मिसाइल को भी परेड में पेश किया जाएगा. परेड में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकासाधीन निर्भय मिसाइल प्रणाली भी दिखाई जाएगी.
परेड की शुरआत एमआई-17 और रुद्र सशस्त्र हेलीकाप्टरों की फ्लाई पास्ट से शुरू होगी और सशस्त्र सेनाओं की 16 मार्चिंग कंटिनजेंट भी सलामी मंच से गुजरेंगी. 90 मिनट तक चलने वाली परेड के दौरान विभिन्न राज्यों से 23 झांकियां भी पेश की जाएंगी जो भारत की सांस्कृतिक विभिन्नता दर्शाएंगी. इस बार सीमासुरक्षा बल की महिला जवानों द्वारा रोमांचक मोटर साइकल डिस्प्ले भी दिखाई जाएगा. इस बार खासतौर से आसियान देशों के प्रमुखों के सामने तीनों सेनाएं अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगी. इसके आलावा 770 स्कूली छात्र आसियान मुल्कों का कल्चर पेश करेंगे.
कौन-कौन हैं मेहमान
Myanmar Aung San Suu Kyi पहली बार मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगी. करीब दो दशक तक Myanmar में सैन्य शासन के खिलाफ लड़ीं. फिर चुनावों में उनकी अगुवाई वाली National League for Democracy (NLD) को जीत मिली थी. सू ची ने Delhi स्थित Convent of Jesus and Mary School से शिक्षा प्राप्त की और Lady Shri Ram College से Political Science में स्नातक किया. उन्हें Myanmar में 15 साल तक नजरबंद रखा गया था. फिर रिहाई होने पर उन्होंने Nobel Peace Prize दिया गया.
Joko Widodo Indonesia के 3rd President हैं जो गणतंत्र दिवस परेड में भारत के मुख्य अतिथि होंगे. विडोडो से पहले साल 1950 में राष्ट्रपति सुकर्णो और साल 2011 में राष्ट्रपति सुसीलो बामबांग युधोयोनो भी गणतंत्र दिवस परेड पर भारत के मुख्य अतिथि के तौर पर आ चुके हैं.
बता दें कि भारत ने 26 जनवरी 1950 को जब अपना पहला गणतंत्र दिवस मनाया था और उस समय दक्षिण पूर्व एशिया के दिग्गज नेता और इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे. आजादी के 68 साल बाद भारत ने एक बार फिर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो को गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित किया है.
जनरल प्रायुत चान-ओ-चा
थाईलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रायुत चान-ओ-चा गणतंत्र दिवस परेड पर भारत के मुख्य अतिथियों में से एक हैं. वह पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा के बाद दूसरे थाई प्रधानमंत्री हैं जो गणतंत्र दिवस परेड में शिरकत करेंगे. वह 2012 में भारत की मुख्य अतिथि थी.
हसनअल बोलकिया
ब्रुनेई के सुल्तान हसनअल बोल्किया पहली बार साल 2012 में आसियान देशों के सम्मेलन में भारत आए थे. जिसके बाद पहली बार ही वह भारत के मुख्य अतिथि बन भारत आएंगे.
हुन सेन
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन 1963 में भारत आए किंग नोरोडोम के बाद दूसरे कंबोडियाई नेता हैं.
ली सीन लूंग
प्रधानमंत्री ली सियन लूंग सिंगापुर के दूसरे प्रधानमंत्री हैं जो गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे. प्रधानमंत्री ली से पहले साल 1954 में पूर्व प्रधानमंत्री गोह चोक टोंग भी समारोह में आ चुके हैं.
नजीब रजाक
मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक भी 10 मुख्य अतिथियों की सूची में हैं. प्रधानमंत्री रजाक की यह दूसरी भारत यात्रा होगी.
न्युन तंग ज़ुंग
प्रधानमंत्री न्युन वियतनाम से दूसरे नेता हैं जो गणतंत्र दिवस समारोह में भारत आएंगे. उन से पहले साल 1989 में जनरल सेक्रेटरी न्गुयेन लिन्ह भी भारत आ चुके हैं.
थोंगलोउन सिसोउलिथ
लाओस के प्रधानमंत्री थॉन्गलौन सिसोलिथ का नाम भी 10 मुख्य अतिथियों की सूची में है. लाओस से वह पहले प्रतिनिधि होंगे जो भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत करेंगे.
रॉड्रिगो दुतेर्ते
राष्ट्रपति रॉड्रिगो दुतेर्ते फिलीपींस के पहले नेता होंगे जो गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत करेंगे.
‘एक्ट ईस्ट’ नीति पर कायम
मोदी सरकार ने अपनी एक्ट ईस्ट पॉलिसी का प्रदर्शन करने के उद्देश्य से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान के 10 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया है. भारत ने इससे पहले कभी भी गणतंत्र दिवस के लिए दो अतिथियों से ज्यादा को नहीं बुलाया था. हाल ही में अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था कि 26 जनवरी 2018 को विशेष रूप से आने वाले समय में याद किया जाएगा. मुख्य अतिथियों की ज्यादा संख्या को देखते हुए राजपथ पर वीआईपी स्टैंड को चौड़ा किया गया है.
सभी 10 नेता 25 जनवरी को इंडिया आसियान कमेमरेटिव समिट में भी हिस्सा लेंगे. यह सम्मेलन आपसी साझेदारी के 25 साल पूरे होने और समिट लेवल बातचीत के 15 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है. पीएम मोदी कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन से अलग बातचीत करेंगे. कंबोडिया के पीएम भारत की राजकीय यात्रा के लिए 27 जनवरी तक यहां रुकेंगे. गौरतलब है कि आसियान में इंडोनेशिया, सिंगापुर, फिलीपींस, मलयेशिया, ब्रुनेई, थाइलैंड, कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और वियतनाम शामिल हैं.
दिल्ली में परेड पर दिल्ली की झांकी नहीं
परेड की शुरुआत 26 जनवरी को राजपथ पर सुबह नौ बजकर 50 मिनट पर होगी. विजय चौक से लाल किले तक के परेड का रूट राजपथ, इंडिया गेट, तिलक मार्ग, बहादुर शाह जफर मार्ग और नेताजी सुभाष मार्ग होगा. बता दें कि इस बार दिल्ली राज्य की झांकी परेड में शामिल नहीं होगी. 69वें गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में दिल्ली सरकार का कल्चरल झांकी नहीं दिखेगी. दिल्ली सरकार में आर्ट, कल्चर विभाग में डिप्टी सेकेट्ररी सिंधु मिश्रा के मुताबिक, इस बार रक्षा मंत्रालय को झांकी का प्रपोज़ल भेजने में देरी हुई. जिसके कारण उनकी झांकी शामिल नहीं हो पाएगी. इसके आलावा पश्चिम बंगाल की झांकी को भी रिजेक्ट कर दिया गया है.