क्या बिहार की बाढ़ के लिए नेपाल जिम्मेदार है?
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बाढ़ ने इस साल नेपाल और बिहार में भीषण तबाही मचाई है.
बाढ़ के कारण बिहार में 400 से भी अधिक लोगों की मौत हुई है, तो नेपाल में भी 150 लोग मारे गए हैं.
भारत-नेपाल सीमा के दोनों तरफ इस बात पर बहस तेज़ है कि आखिर बाढ़ का जिम्मेदार कौन है.
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नेपाली मीडिया
सीमा के इस पार रहने वाले बिहारी लोग इसके लिए नेपाल की नदियों और बारिश के दिनों में उनके द्वारा छोड़े जाने वाले पानी को बाढ़ का मुख्य कारण बताते हैं.
वहीं दूसरी ओर नेपाली मीडिया और वहां की सिविल सोसाइटी इससे अलग राय रखती है.
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जायज मुद्दे
नेपाली अखबारों में इससे संबंधित कई रिपोर्ट प्रकाशित की जा रही हैं, जिनमें बाढ़ के लिए भारत-नेपाल की जल प्रबंधन नीतियों को जिम्मेदार बताया जा रहा है.
नेपाली अखबार कांतिपुर के पत्रकार शंकर आचार्य मानते हैं कि नेपाल का मीडिया जायज़ मुद्दे उठा रहा है.
बीबीसी से बातचीत में शंकर आचार्य कहते हैं, “भारत ने नो मैंस लैंड से सटे क्षेत्रो में छोटे-बड़े कई बांध बनाए. यह मुद्दा बहुत पहले से नेपाल में चर्चा में रहा है. नेपाली संसद प्रतिनिधि सभा में सांसदों ने इस मुद्दे को उठाया भी है.”
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नेपाल की सरकार
वो आगे बताते हैं, “संसद में इस पर चर्चा हुई कि नेपाल सरकार को भारते से कोशी बराज तोड़ने और दूसरे बांधों की उपयोगिता पर चर्चा करनी चाहिए. विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री देउबा से बांधों को लेकर भारत सरकार से बातचीत का दबाव भी बनाया था.”
दरअसल, भारत और नेपाल की मीडिया इस मुद्दे पर विपरीत राय रखती है.
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नेपाल की सीमा पर बसे अंतिम भारतीय शहर रक्सौल के पत्रकार दीपक अग्निरथ बाढ़ के लिए नेपाल की सरकार को जिम्मेदार मानते हैं.
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पानी भर जाता है…
उन्होंने बीबीसी से कहा, “बाढ़ दरअसल एक साझा समस्या है. भारत और नेपाल को इस पर तार्किक चर्चा कर उचित जल प्रबंधन नीति बनानी चाहिए. अगर सिर्फ बांधों की वजह से बाढ़ आती, तो फिर सरिसवा या तिलावे जैसी छोटी नदियों मे कैसे पानी बढ़ जाता है.”
दीपक अग्निरथ कहते हैं, “इसके कारण भारतीय क्षेत्र में पानी भर जाता है. नेपाल सरकार को चाहिए कि वह चुड़ई पर्वतीय रेंज में पहाड़ों को टूटने से बचाए और पत्थरों के अवैध खनन पर रोक लगाए. बाढ़ की जड़ में यही बात है.”
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तो क्या समस्या सिर्फ यही है?
नेपाली कांग्रेस पार्टी के युवा नेता दिलीप कार्की ने बीबीसी से कहा कि वाल्मीकिनगर में बने गंडक बराज और कोशी पर बने बराज के कारण नेपाल संकट मे है.
बकौल दिलीप कार्की, “जब हमें सिंचाई के लिए पानी की जरूरत होती है तो भारत गंडक नहर में पानी नहीं देता और जब बारिश का मौसम होता है तो वाल्मीकिनगर बराज से इतना पानी छोड़ दिया जाता है कि नेपाल में बाढ़ आ जाए. वे मानते हैं कि तराई इलाके में बाढ़ का कारण भारत में बने बांध हैं.”
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नेपाल मे एकराय नहीं
वहीं नेपाली जनतांत्रिक पार्टी के नेता ओमप्रकाश सर्राफ कहते है कि सिर्फ भारत को जिम्मेदार ठहरा देने से काम नहीं चलने वाला. भारत सरकार नेपाल को अरबों रुपये देती है. देखना यह भी होगा कि क्या उन रुपयों से नेपाल अपना जल प्रबंधन करता है.
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बाढ़ से संकट
इस बीच बिहार में आई बाढ़ के कारण दिल्ली-काठमांडू राजमार्ग पर (एनएच-28) पर कई दिनों तक आवागमन बाधित रहा.
इस कारण नेपाल में पेट्रोलियम पदार्थो का संकट पैदा हो गया था. नेपाली अखबारों में इसकी कई रिपोर्ट प्रकाशित की गई हैं.
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