देश में पहली बार सिर से जुड़े बच्चों को अलग करने की सर्जरी एम्स में शुरू

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ऩई दिल्ली : 

भारतीय डॉक्टर्स पहली बार सिर से जुड़े ट्वीन बेबी को अलग करने के लिए सर्जरी का प्रयास कर रहें है। ये सर्जरी दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टियूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में सोमवार सुबह 9 बजे से शुरू की गई है।

ओडिशा सरकार की सिफारिश पर जग्गा व बलिया नामक जुड़वा बच्चों को एम्स में 14 जुलाई को भर्ती किया गया था। इनका उम्र मात्र 2 साल 3 महीने है। इन बच्चों का ऑपरेशन अधिक जटिल है क्योंकि इनकी वे नसें आपस में जुड़ी हैं जो मस्तिष्क से दिल को रक्त लौटाते हैं।

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सर्जरी 30 घंटे की होगी। तीन से पांच चरण में सर्जरी हो सकती है। सर्जरी में थ्रीडी तकनीक का यूज होगा। इस सर्जरी का डेमो भी किया गया है। कंप्यूटर पर मॉडल बनाकर पूरी सर्जरी की प्लानिंग की गई है। इस सर्जरी में सबसे बड़ा चैलेंज दोनों बच्चे को एनेस्थीसिया देना है। क्योंकि एक साथ दोनों को एनेस्थीसिया देना है। दोनों बच्चे एक साथ एक टेबल पर नहीं आएंगे, इसलिए स्पेशल तैयारी की गई है।

ये एक चुनौतीपूर्ण सर्जरी है जिसमें ब्लड लॉस का खतरा होगा। बच्चे के बॉडी टेंपरेचर को मेनटेन करना चैलेंज होगा। डॉक्टर्स सबसे पहले विनोस चैनल बनाने की कोशिश करेंगे जिससे त्वचा और मस्तिष्क को अलग किया जा सकें।

डॉक्टर्स का कहना है,’ हम उम्मीद करते है दोनों बच्चों की जान बच जाए, लेकिन अगर एक भी बच जाता है तो ये एक ऐतिहासिक सफलता होगी।’

सिर में जुड़ने वाले जुड़वां 25 मिलियन में से एक होते हैं। लगभग 10 में से 4 ऐसे जुड़वां जन्म के साथ ही मर जाते हैं और अतिरिक्त तीन 24 घंटों के भीतर मर जाते हैं। 1952 से, दुनिया भर के ऐसे जुड़वाओं को अलग करने के लिए लगभग 50 प्रयास किए गए हैं, सफलता दर 25% से नीचे है।

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