देश में हर 48 मिनट में एक बच्ची के साथ रेप, दरिंदे घटनाओं को देते अंजाम

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नई दिल्ली। देशभर में भी आज बेटियां सुरक्षित नहीं है। दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ और हिमांचल से लेकर कलकत्ता तक बेटियों के बाहर निकलते ही दरिंदों की नजरें उन पर टिकी रहती हैं। हवश के भूखे यह दरिंदे मौका मिलते ही मानवता को शर्मसार करने वाली दरिंदगी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। NCRB द्वारा 2015 में हुए अपराध के आंकड़े देश में हर 48 मिनट में एक बच्ची के साथ रेप हो रहा है।

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इन आंकड़ों में सिर्फ ऐसे ही मामले दिखाए गए हैं। और उसका वास्तविक चेहरा और भी भयानक है। अपराध के हजारों मामले ऐसे भी हैं, जिनकी शिकायत नहीं की जाती। साल 2015 में बच्चियों के खिलाफ होने वाले अपराध के 94,172 मामले दर्ज किए गए। इनमें 12 प्रतिशत यानी कि 10,854 रेप के मामले थे, इसका मतलब यह हुआ कि देश में हर 48 मिनट पर कोई एक बच्ची हवस का शिकार बनती है।

NCRB द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट के अनुसार जिस उम्र में बच्चियों को अपने शरीर के बारे में भी पूरी जानकारी नहीं होती। इस छोटी उम्र में ही उनके साथ रेप हो जाता। आंकड़ों के अनुसार साल 2015 में 6 साल से कम उम्र की 306 बच्चियों को रेप का शिकार बनाया गया। जबकि 6 से 12 आयुवर्ग की 1008 बच्चियां हवस की शिकार बनीं।
12 से 16 और 16 से 18 आयुवर्ग की क्रमश: 3405 और 4114 बच्चियां के साथ हुए रेप के मामले दर्ज किए गए। निर्भया कांड जैसी सामाजिक उत्तेजना या आक्रोश की एक बार फिर से जरूरत है। उस मामले पर सोच विचार के लिए जैसा माहौल चाहिए, चंडीगढ़ घटना के बाद यह समय माकूल है। और अपने देश में अपराधशास्त्र का अध्ययन और अध्यापन बहुत ही उपेक्षा की हालत में है।

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