स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगे के बिजनेस का कम और इस बिजनेस पर चीन के बढ़ते दबदबे पर अधिक चर्चा है. देश में चीन में बने तिरंगे थोक से लेकर रिटेल मार्केट तक धड़ल्ले से बिक रहा है. खास बात यह है कि ये विदेशी तिरंगे भारतीय तिरंगों की तुलना में 30 से लेकर 35 फीसदी तक सस्ते हैं, जिससे भारतीय मैन्युफैक्चरर्स की वाट लगी हुई है और उनकी इनकम में भारी कमी आ गई है. इसे देखते हुए सोशल मीडिया पर चीनी तिरंगों के खिलाफ जमकर कैंपेन भी चल रहा है.
अधिक परेशान हैं छोटे मैन्युफैक्चरर्स
छोटे मैन्युफैक्चरर्स बाजार के चीनी तिरंगों से पटने से अधिक परेशान हैं. रवि सैनी नामक एक होलसेल व्यापारी ने बताया कि होलसेल मार्केट में चीनी तिरंगे भरे परे हैं और भारी डिस्काउंट पर मिल रहे हैं. ऐसे में बायर्स उनकी तरफ अधिक रुख कर रहे हैं.
कीमतों में क्या है अंतर
देसी और विदेशी दोनों तिरंगे अलग-अलग साइज में आते हैं. 4 गुना 6, 6 गुना 9 और 8 गुना 12 साइज के देसी तिरंगों की कीमतें क्रमश: 130 रुपए, 150 रुपए और 250 रुपए प्रति 100 है, वहीं इन साइज के चीनी तिरंगे क्रमश: 90 रुपए, 120 रुपए और 220 रुपए प्रति 100 मिल रहे हैं. आकाश विजय नामक एक ग्राहक ने बताया कि चीनी तिरंगे अधिक आकर्षक और बेहतर क्वालिटी वाले लगते हैं.
क्यों महंगे हैं भारतीय तिरंगे
भारत में अधिकांश तिरंगे खादी, सूती और सिल्क आदि से बनते हैं, इसलिए उनकी कीमत अधिक हो जाती है. जबकि चीन सस्ती वस्तुओं का उपयोग करता है. जहांगीर नामक एक होलसेल ट्रेडर ने बताया कि क्वालिटी और प्रिटिंग में तो भारतीय तिरंगे चीनी तिरंगे से मुकाबला कर ले रहे हैं, लेकिन कीमत के मामले में वे पिछड़ जा रहे हैं.
कितने का है बाजार
सिर्फ दिल्ली में तिरंगे का बाजार 4-5 करोड़ रुपए का बताया जाता है. देशभर के मार्केट की कोई तय तस्वीर सामने नहीं है, लेकिन इस बिजनेस से जुड़े लोगों का कहना है कि देश में इसका बाजार कई सौ करोड़ का है.
यह संस्था करती है सरकार को आपूर्ति
कर्नाटक खादी एंड ग्रामोदय संयुक्त संघ भारत में एक मात्र मैन्युफैक्चरर है, जो सरकारी विभागों को तिरंगों की आपूर्ति करता है. यह कर्नाटक के धारवाड़ जिले के बेंगारी गांव में स्थित है.
तिरंगे के साथ कैप आदि भी बिक रहे हैं
देशभर में इस साल अधिक संख्या में तिरंगे बिकने की उम्मीद है. तिरंगे के साथ कैप, ब्रैसलेट्स, क्लोथिंग और बैनर आदि का बिजनेस भी इस अवसर पर जमकर चल रहा है. यहां तक कि तिरंगे चूडि़यां और बाला भी बाजार में बिक रहे हैं.