पटना। मणिपुर के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) में बिहार, उत्तर प्रदेश व राजस्थान के दर्जनों छात्रों को बुरी तरह पीटे जाने के दो दिनों बाद भी माहौल गर्म है। घटना को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मणिपुर के मुख्यमंत्री से बातचीत भी बेअसर रही है। पीडि़त छात्रों को सुरक्षा नहीं दी गई है। इस कारण भयभीत होकर 150 छात्र संस्थान के हॉस्टल से पलायन कर गए हैं।
जानकारी के अनुसार मणिपुर में सोमवार को बिहारी छात्रों को पुलिस से जमकर मारा। स्थानीय लोगों ने भी मारपीट की। घटना में कई छात्र घायल हो गए। बिहारी छात्र वहां डरे हुए हैं।
पीडि़त छात्रों में से किसी ने चोरी-छिपे घटना की जानकारी पटना निवासी मणिपुर एनआइटी के एक पूववर्ती छात्र कुमुद रंजन को दी, जिसने इसे उजागर किया। कुमुद के अनुसार मणिपुर में बिहारी छात्रों के साथ ऐसी घटनाएं आम हैं। खुद वह भी 2014 में इसका शिकार रह चुका है। बाद में मामला शांत कर दिया जाता है। ऐसी घटनाएं होने पर उन्हें दबाने की कोशिश की जाती है। मीडिया में जाने पर संस्थान में फेल कराने की भी धमकी दी जाती है।
घटना की जानकारी मिलने के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री से बात कर हालात की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बिहारी छात्रों की सुरक्षा व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भी बात की। घटना को लेकर बिहार के गृह सचिव व डीजीपी ने भी मणिपुर के गृह सचिव व डीजीपी से बात की। लेकिन, छात्रों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई।
इसके बाद छात्र एनआइटी हॉस्टल से पलायन करने लगे तो एनआइटी प्रशासन ने कैंपस का मेन गेट ही बंद कर दिया, ताकि वे बबाहर नहीं जाएं। छात्रों के विरोध पर गेट को खोला गया। इसके बाद छात्र वहां बाहर निकले। कई छात्र अपने-अपने राज्य भी लौट गए हैं।
घटना एक नजर
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) मणिपुर सोमवार की दोपहर में रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। पुलिस के जवानों ने बिहार और दूसरे राज्यों के छात्रों को बेरहमी से पीटा। एक दर्जन से अधिक छात्र घायल हो गए, जिनमें से कई का रिम्स (इंफाल) में इलाज चल रहा है। घायलों में भोजपुर के अजीत कुमार और प्रीतम कुमार, नालंदा के मोहित शर्मा, पटना के राजेश सिंह और प्रांजल प्रसून शामिल हैं।
- रजिस्ट्रार प्रो. ललित ने इस संबंध में बातचीत से इन्कार कर दिया है। कॉलेज कर्मियों ने बताया कि परिसर में आकर मारपीट करने वाले स्थानीय लड़कों पर कार्रवाई नहीं होने से गुस्साए बिहार, यूपी सहित दूसरे राज्यों के दर्जनों छात्र रजिस्ट्रार कार्यालय के आगे सुबह से ही प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच नोकझोंक हुई, जिसमें पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
- प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए खुद को हॉस्टल के कमरे में बंद कर लिया, लेकिन पुलिस ने कमरे से खींचकर एक दर्जन से अधिक छात्रों को हिरासत में ले लिया। छात्रों से बांड भरवाने के बाद उन्हें छोड़ा गया। छात्रों ने बताया कि पुलिस मारपीट और क्षेत्रवाद फैलाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर कॅरियर खत्म करने की धमकी दे रही है। कॉलेज प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
- लाम्फेल थाना पुलिस के अनुसार रविवार की दोपहर परिसर में क्रिकेट खेलने को लेकर एनआइटी के छात्रों और बाहरी लड़कों के बीच विवाद हुआ। शाम को परिसर के बाहर दोनों गुट में मारपीट हुई। घायल छात्रों ने बताया कि विवाद के बाद शाम को बाहरी लड़कों ने कुछ छात्रों को पीटकर घायल कर दिया। इन्हें इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया। वहां भी मारपीट करने वाले लड़के पहुंच गए, जिन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। किंतु पुलिस ने कार्रवाई के बजाए उनका पक्ष लेकर कॉलेज प्रशासन से मारपीट की शिकायत की।
घटना की जानकारी मिलने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मणिपुर के मुख्यमंत्री से बात कर छात्रों को सुरक्षा मुहैया कराने का आग्रह किया। बिहार के आला अधिकारियों ने भी मणिपुर के आला अधिकारियों से बात की। लेकिन, छात्रों को सुरक्षा नहीं दी जा सकी है। पीडि़त छात्र अब अपने हॉस्टल को छोड़कर या तो अन्यत्र शरण ले रहे हैं, या फिर अपने राज्य लौट रहे हैं।