घायल उल्‍लू का किया इलाज, मौत के बाद अंतिम संस्‍कार …श्राद्ध में उमड़ा पूरा इलाका

The treatment of the injured owl, the funeral after the death ... the whole region is full in Shraddha Samastipur Now
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सुपौल पशु-पक्षी प्रेम का यह नायाब उदाहरण है। Supaul के Karanpur में एक उल्लू पक्षी के घायल हो जाने के बाद स्थानीय लोगों ने न केवल उसका इलाज कराया, बल्कि मौत हो जाने पर विधि-विधान से अंतिम संस्कार भी किया। इसके बाद Thursday को उसकी आत्‍मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म का आयोजन किया, जिसमें इलाके के लोग उमड़ पड़े।

खास बात यह है कि यह यहां की पहली घटना नहीं है इससे पहले भी लोगों ने एक सांड का अंतिम संस्कार कर श्राद्धकर्म किया था।

मंदिर में मिला था घायल उल्‍लू

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जानकारी के अनुसार स्थानीय Radha-Krishna Temple परिसर में एक घायल उल्लू गिर गया। लोगों की नजर उसपर पड़ी तो उसकी सेवा करनी शुरू की। ग्रामीणों ने पशु चिकित्सक से इलाज भी कराया। लेकिन, वह बच नहीं सका। इसके बाद ग्रामीणों ने नव वस्त्र देकर मंदिर परिसर में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

लोगों ने कहा, जीवों के प्रति दयाभाव उनका कर्तव्‍य

बहरहाल स्थानीय निवासी Pitambar Pathak, Amaresh Pathak, Sanjeev Kumar Pathak Madhav Ji, Jaiprakash Chaudhary, Mithilesh Kumar Jha, Rameshwar Pathak, Bhanu Pathak आदि ने बताया कि उल्लू को लक्ष्मी का वाहन माना जाता है। वैसे भी सभी जीवों के प्रति दया भाव रखना मनुष्य का कर्तव्य है।

इस संबंध में पर्यावरणविद् भगवानजी पाठक ने कहा कि देखरेख के अभाव में पक्षियों की कई प्रजातियां विलुप्त हो गईं। पहले गोरैया घर-घर पाई जाती थी, अब देखने को नहीं मिलती। उल्लू भी विलुप्त हो रहा पक्षी है। उसके लिए यह सम्मान तारीफ के लायक है।

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